बहुत बार ऐसा होता है हमारे काम बनते बनते बिगड़ जाते है, या फिर सब कुछ होते हुए भी कुछ ठीक नहीं लगता है, ऐसी समस्या को आप भौतिक जगत में किसी को दिखा नहीं सकते है केवल बता सकते है, किन्तु हमारे पूरवजों ने इस प्रकार की समस्या का कारण बहुत खोज के बाद निकाला है, और इसे नाम दिया पितृ दोष इसके निवारण पूजा इस प्रकार के अदृश्य संकटो से मुक्ति मिलती है ।
पितृ दोष एक धार्मिक और पारंपरिक मान्यता है और इसको विशेष रूप से सनातन धर्म गंभीरता से लिया है। ऐसा माना जाता है की मृत्यु के बाद जिन पितरो को मुक्ति नहीं मिलती किसी कारण से वे अपनी पीढ़ी को आदेश या संदेश देते रहते है की मेरी मुक्ति का मार्ग खोज कर मुझे मुक्ति दो।
पितृ दोष निवारण पूजा उज्जैन
पितृ दोष के मुख्य कारणों में से एक है पितृगणों के असंतुष्ट आत्मा जो किसी भी कारणवश इस संसार में फंस गए हैं और शांति नहीं पा रहे हैं। यदि किसी व्यक्ति के पितृगणों को शांति नहीं मिलती है, तो वे अपने संतुष्ट नहीं होते हैं और उनके असंतुष्ट आत्माओं के कारण वे अपने पुत्र, पोते, नाती आदि के जीवन पर अशुभ प्रभाव डाल सकते हैं।
पितृ दोष निवारण पूजा का उद्देश्य इन असंतुष्ट आत्माओं को शांति प्रदान करना होता है ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों के जीवन को प्रभावित न करें। इस पूजा में विशेष रूप से पितृगणों को तृप्ति और शांति के लिए आहुति दी जाती है ताकि वे अपने पुत्रों के जीवन में सुख-शांति का अनुभव कर सकें।
इस पूजा को विशेष तौर पर पितृपक्ष के दौरान आदि तिथियों पर किया जाता है, जब पितृगणों का आगमन माना जाता है। इस पूजा को संपन्न करने के बाद विशेष रूप से पुत्रों को अपने पितृगणों के प्रति सम्मान करना चाहिए और उनके चरणों में जल चढ़ाना चाहिए।
इस पूजा का आयोजन धार्मिक पंडितों या धार्मिक स्थलों में किया जा सकता है। यह पूजा सामान्य रूप से विशेष मंत्रों, श्लोकों और आरती से संपन्न होती है।
पितृ दोष निवारण पूजा का महत्व तभी है जब आप इस पूजा को करने से पहले किसी पंडित जी से परामर्श लेकर समस्त विधि विधान से करते है, ये पूजा बहुत फलदायी होती है।